चंडीगढ़ मेयर चुनाव : AAP उम्मीदवार विजयी घोषित, सुप्रीम कोर्ट का एतिहासिक फैसला, अमान्य किए गए आठ वोट मान्य

चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार मेयर होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता और याची को मेयर घोषित किया। कोर्ट ने कुलदीप कुमार के पक्ष में 12 वोट और 8 वोट को जोड़कर 20 वोट मानते हुए मेयर घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट ने 142 के तहत विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया।शीर्ष अदालत ने मामले से जुड़े वीडियो देखने के बाद अपना फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अनिल मसीह ये बता नहीं पाए कि वोट कहां डिफेस किए गए। कोर्ट ने अपने फैसले में अंतिम पैरा में कहा कि जो मेयर निर्वाचित हुए थे उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। अदालत ने कहा कि मौजूदा सूरत में अब दुबारा काउंटिंग कराने की जरूरत नहीं है।

झूठा बयान देने पर मसीह के खिलाफ मुकदमा : सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले घोषित किए गए मेयर चुनाव के रिजल्ट को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ झूठा बयान देने के केस में मुकदमा चलाने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया। साथ ही शीर्ष अदालत ने सीधे तौर पर याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार ने इसे इंडिया गठबंधन की जीत बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी यहां से इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार जीत हासिल करेगा।

कोर्ट ने खंगाला वीडियो फुटेज :  पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित बैलेट पेपर्स और मतगणना के दिन का पूरा वीडियो फुटेज मंगलवार यानी आज कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था, ताकि मामले को तह से समझा जा सके। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव कराने वाले अनिल मसीह से पूछा कि उन्होंने बैलेट पेपर्स पर क्रॉस का निशान क्यों लगाया ? चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि फिर से चुनाव कराए जाएं। इसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रद्द किए गए वोटों को मान्य माना जाएगा।

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेवी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है। मंगलवार को चीफ जस्टिस ने बैलेट पेपर भी देखें। सीजेआई ने देखा कि सभी आठ में से सिर्फ कुलदीप कुमार के बैलेट पर मुहर लगी है, लेकिन बाद में लाइन खींची गई है। चीफ जस्टिस ने कहा कि आठ वोटों को मान्य माना जाएगा और उन्हें गिनती में गिना जाएगा। वहीं, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ झूठा बयान देने के केस में मुकदमा चलाने, मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि वह उनके पास सुरक्षित रखी गई चुनाव से संबंधित सामग्री और रिकॉर्ड में से बैलेट पेपर्स और मतगणना के दिन की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग सुप्रीम कोर्ट भेजें। कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिया कि वह रिकॉर्ड और वीडियो रिकार्डिंग पेशी के लिए आने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए की थी तीखी टिप्पणियां : पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी के वीडियो में दिख रहे आचरण पर नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणियां की थीं। कोर्ट ने यहां तक कहा था कि बैलेट पेपर्स विरूपित करने पर पीठासीन अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को स्पष्टीकरण देने के लिए सोमवार को अदालत में तलब किया था और आदेश का पालन करते हुए मसीह कोर्ट में पेश हुए थे।

स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार एक पीठासीन अधिकारी से देश के प्रधान न्यायाधीश ने सवाल जवाब किए। याचिकाकर्ता कुलदीप के वकील का कहना था कि नए सिरे से मतगणना करा दी जाए, तब पीठ ने कहा- उसका मानना है कि नया पीठासीन अधिकारी नियुक्ति किया जाए जिसका किसी दल से संबंध न हो और उसकी देखरेख में मतगणना हो।

भाजपा के मनोज सोनकर बने थे विजेता : भाजपा उम्मीदवार ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी। मेयर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने आम आदमी पार्टी के के कुलदीप कुमार को हराया। चुनाव के दौरान 8 मत खारिज कर दिए गए थे। ऐसे में सोनकर को अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 मतों के मुकाबले 16 मत मिले थे।

कोर्ट के सवाल और पीठासीन अधिकारी के जवाब

सुप्रीम कोर्ट: यह अदालत है, यहां कोई राजनीति नहीं, पूछे गए सवालों के सही-सही जवाब देने होंगे, ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई हो सकती है।

प्रधान न्यायाधीश : आप कैमरा क्यों देख रहे थे, जैसा कि वीडियो में नजर आ रहा है।

मसीह: सब शोर कर रहे थे। वहां बहुत सारे कैमरे थे, ऐसे में उन्होंने कैमरे की ओर देखा था।

सुप्रीम कोर्ट: वीडियो में दिख रहा है कि आप बैलेट पेपर्स पर क्रॉस का निशान लगा रहे हैं, क्या आपने बैलेट पेपर्स पर क्रॉस का निशान लगाया था।

मसीह: हां, पहले से विरूपित आठ बैलेट पेपर्स पर क्रॉस का निशान लगाया था।

सुप्रीम कोर्ट: आपने ऐसा किस कानून के तहत किया।

मसीह: जैसे ही यह हुआ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बैलेट पेपर्स लेकर भागने लगे, उन्होंने बैलेट पेपर्स फाड़ भी दिए, बाद में उन्हें मार्शल ने पकड़ा।

सुप्रीम कोर्ट: आप बैलेट पेपर्स विरूपित कैसे कर सकते हैं। नियम-11 तो कहता है कि आप सिर्फ उस पर हस्ताक्षर करेंगे तो फिर आपको क्रॉस लगाने का शक्ति कहां से मिली। आपने बैलेट पेपर्स विरूपित किए हैं और आप यह स्वीकार कर रहे हैं। इन पर तो मुकदमा चलना चाहिए।

यह था पूरा मामला…..

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी को 12 के मुकाबले 16 मतों से हराकर मेयर चुनाव जीत लिया था। इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने कांग्रेस और आप के आठ मतों को अवैध ठहरा दिया था।

आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार ने गलत तरीके से आठ मतों को अवैध ठहराने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मेयर चुनाव पर सवाल उठाए हैं। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने मतगणना के वीडियो में पीठासीन अधिकारी के आचरण को देखकर कहा था कि वह मतपत्रों को विरूपित करता दिख रहा है, ये लोकतंत्र की हत्या है।

चुनाव प्रक्रिया को रद्द करना उचित नहीं होगा क्योंकि मुद्दा केवल तब है जब पीठासीन अधिकारी ने गिनती की। हम निर्देश देते हैं कि पीठासीन अधिकारी द्वारा चुनाव परिणाम को रद्द कर दिया जाए। आप उम्मीदवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव का विजेता घोषित किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट

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