जांच अधिकारियों ने खंगाले सीसीटीवी फुटेज से कर्मचारियों की लापरवाही उजागर, सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
उज्जैन। विगत दिवस होली त्यौहार (Holi Festival) के दिन महाकाल मंदिर (Mahakaal Temple Ujjain) के गर्भगृह में भड़की आग के मामले में गुरूवार को प्राथमिक जांच रिपोर्ट कलेक्टर नीरज सिंह को सौंप दी गई है। उक्त रिपोर्ट के अनुसार मंदिर में केमिकल युक्त गुलाल से आग लगने की पुष्टि हुई है। मामले में सुरक्षा एजेंसी के कुछ कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। इन्हें गुलाल भीतर जाने से रोकना था। इन कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।
ज्ञात हो की महाकाल मंदिर में विगत सोमवार को धुलेंडी के दिन भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आगजनी की एक बड़ी घटना घटित हुई थी, इस घटना में मंदिर क मुख्य पुजारी समेत 14 पुजारी और सेवक झुलस गए थे, घटना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंदिर में लगी आग की मजिस्ट्रियल जांच की गई थी। जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि आग केमिकल युक्त गुलाल उड़ाने से ही भड़की थी।
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सीसीटीवी फुटेज से मिली सहायता
जांच अधिकारियों ने मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और इन्ही की सहायता से घटना के कारणों का पता लगाया जा सका, जानकारी के मुताबिक़ जांच अधिकारियों ने घटना के पुख्ता कारणों और सबुत खोज निकाले है, इसके अतिरिक्त जांच समिति में शामिल अधिकारियों ने मंदिर कर्मचारियों, पुजारियों, सेवकों सहित 20 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। जांच समिति ने मंदिर परिसर में इस्तेमाल किए गए गुलाल के नमूने भी लेकर इन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
रंगपंचमी पर नहीं होगा रंग-गुलाल, महाकाल को अर्पित होगा केसर और फूलों से बना रंग
घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने सख्ती कर दी है, दर्शनार्थियों को अन्दर भेजने से पहले मोबाइल आदि को सख्ती से बाहर ही रखवाया जा रहा है। नंदी हाल में फिलहाल प्रवेश प्रतिबंधित रखा गया है। वही मंदिर प्रबंध समिति ने यह तय किया है कि आगामी शनिवार 30 मार्च को रंग पंचमी के पर्व पर बाबा महाकाल को एक लोटा रंग अर्पित किया जाएगा। यह रंग टेसू के फूलों और केसर से बना हुआ होगा।