NAHI के जीएम नागपुर, डीजीएम – हरदा और बंसल ग्रुप के 2 डायरेक्टर को CBI ने किया गिफ्तार !

केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने घूसखोरी से जुड़े एक मामले में रविवार को बड़ी सफलता हासिल की। सीबीआई अधिकारियों ने मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में एक साथ 5 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के जनरल मैनेजर (GM) को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में नागपुर से गिरफ्तार किया। हरदा से एनएचएआई के डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) को भी पकड़ा गया है। साथ ही भोपाल से बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क प्राइवेट लिमिटेड के 2 डायरेक्टर और 2 कर्मचारी भी अरेस्ट हुए हैं। सीबीआई के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कुल 1.10 करोड़ रुपए कैश जब्त किया गया।

  • अरविंद काले, जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर
  • बृजेश कुमार साहू, डिप्टी जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई, हरदा
  • अनिल बंसल, डायरेक्टर, बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड
  • कुणाल बंसल, डायरेक्टर, बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड
  • सी. कृष्णा, कर्मचारी, बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड
  • छत्तर सिंह लोधी, अधिकारी, बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड

प्राप्त जानकारी के अनुसार एनएचएआई के महाप्रबंधक और उप महाप्रबंधक ने निजी ठेका कंपनी के निदेशकों से अलग-अलग सड़क परियोजनाओं के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने, बिलों की स्वीकृति और निर्माणाधीन कार्यों के सुचारू रूप से प्रगति पत्रक जारी करने के बदले 20 लाख रुपए की घूस ली है।  जिस निजी ठेका कंपनी के निदेशक घूस देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं, उनकी कंपनी के कुछ कर्मचारी संबंधित कार्यों के लिए लंबे समय से लगातार संपर्क में थे। इसकी भनक लगते ही सीबीआई ने इस मामले में नजर रखना शुरू कर दिया था।

गुप्त शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया था कि निजी कंपनी के कर्मचारी नागपुर और हरदा और प्रदेश के अन्य स्थानों पर पदस्थ एनएचएआई के अधिकारियों-कर्मचारियों को लाखों की रिश्वत देकर कार्य करा रहे हैं। शिकायत की सत्यता होने के बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और एनएचएआई के जनरल और प्रोजेक्ट मैनेजर को 20 लाख रुपये की रिश्वत देने के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई ने जीएम के नागपुर, डीजीएम के हरदा और निजी कंपनी के निदेशकों के भोपाल स्थित ठिकानों और आवासों की तलाशी ली है। इसी तलाशी के दौरान 20 लाख रुपए की घूस की राशि मिलाकर करीब एक करोड़ दस लाख रुपए की नकदी जब्त की गई है। सीबीआई इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, मामले में आरोपियों की संख्या भी बढ़ सकती है।

सीबीआई ने छापा मारा कार्रवाई में 1.10 करोड़ रुपए नकद जब्त किए

CBI की ओर से रविवार रात को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक सड़क निर्माण के लिए एनओसी और बिलों के लिए घूस दी जा रही थी। मामले में बंसल ग्रुप के दो डायरेक्टर अनिल बंसल, कुणाल बंसल और दो अन्य कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है।बताया जा रहा है कि बंसल समूह के डायरेक्टर अपने कर्मचारियों के माध्यम से NHAI के अधिकारियों को रिश्वत दे रहे थे। CBI ने नागपुर, भोपाल और हरदा समेत विभिन्न कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली। इस दौरान आपत्तिजनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों आदि के साथ 1.10 करोड़ रुपए नकद जब्त किए गए।

रिश्वत की रकम नागपुर पहुंचानी थी

आरोप है कि बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड के कर्मचारी सी कृष्णा और छत्तर सिंह लोधी आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लंबित बिलों के पेमेंट और प्रोजेक्ट कंपलीशन सर्टीफिकेट जारी करने के लिए एनएचएआई के अनिल काले, जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पीआईयू, नागपुर के संपर्क में थे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले को रिश्वत की रकम 25 लाख रुपए पहुंचानी थी। इसमें से 20 लाख रुपए दोनों कर्मचारियों ने NHAI अफसरों की दी। सीबीआई ने रिश्वत की रकम की डिलीवरी के बाद दोनों को पकड़ लिया। 

इन 6 लोगों की हुई गिरफ्तारी

सीबीआई ने एनएचआई के जनरल मैनेजर और प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले और बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर्स समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। नागपुर से अरविंद काले और हरदा से हाईवे अथॉरिटी के डिप्टी जीएम बृजेश कुमार साहू की गिरफ्तारी हुई। उन पर भोपाल की बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों से घूस लेने का आरोप है। यह कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में कार्य करती है। बंसल कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टर अनिल बंसल और कुणाल बंसल, कंपनी के कर्मचारी सी कृष्णा और छतर सिंह की भी गिरफ्तारी हुई।

11 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज

जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को नागपुर, भोपाल और हरदा के 5 ठिकानों पर एक साथ तलाशी ली गई। इनमें अधिकारियों के रहवासी और दफ्तर शामिल हैं। इस दौरान कुल 1.10 करोड़ रुपए की कैश बरामद हुआ, जिसमें घूस के तौर पर दी गई रकम भी शामिल है। अरविंद काले, कंपनी और उसके डायरेक्टर समेत 11 आरोपियों के खिलाफ रिश्वत के मामले में केस दर्ज किया गया है। कार्रवाई को लेकर अब तक बंसल ग्रुप की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

घूसखोरी को लेकर CBI को मिला था इनपुट

सीबीआई को इनपुट मिला था कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कंस्ट्रक्शन वर्क करने वाली बंसल कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टर कथित तौर पर अनुचित लाभ लेने के लिए एनएचएआई के अफसरों को रिश्वत दे रहे हैं। यह कार्य कंपनी के कुछ कर्मचारियों के माध्यम से किया जा रहा था। ताकि कंपनी को काम पूरा करने का सर्टिफिकेट जारी किए जाएं। बिल प्रोसेस में तेजी से तेजी लाई जाए और हाईवे अथॉरिटी के अफसर कंपनी को मिले रोड प्रोजेक्ट के काम में कोई रुकावट पैदा न करें। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर घूसकांड का पर्दाफाश किया।

ऐसे धरे गए घूसखोर अफसर
आरोप है कि बंसल कंस्ट्रक्शन के कर्मचारी सी कृष्णा और छत्तर सिंह लोधी आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट के कुछ लंबित बिलों के भुगतान और प्रोजेक्ट पूरा करने का प्रमाण पत्र जारी करने समेत अन्य लंबित मामलों को निपटाने के लिए एनएचएआई के अनिल काले, जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पीआईयू, नागपुर के संपर्क में थे। अनुचित लाभ लेने के लिए काले को 25 लाख रुपए घूस देनी थी। जैसी ही कर्मचारियों ने NHAI अफसरों 20 लाख रुपए रिश्वत दी। सीबीआई ने दोनों को दबोच लिया।

उक्त पुरे मामले में बंसल ग्रुप की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

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