लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था प्रभारी डीपीएम कृष्णकांत राजौरिया को। स्वास्थ्य विभाग की संचालक ने जारी किया बर्खास्तगी आदेश।
हरदा। दो वर्ष पूर्व जिला मुख्यालय पर रिश्वतखोरी के इल्जाम में रंगे हाथ पकड़ाए प्रभारी डीपीएम को संचालक स्वास्थ्य विभाग ने ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह पूरा मामला 13 सितंबर 2022 का है, हरदा सीएमएचओ कार्यालय में काम करने वाले प्रभारी डीपीएम ने एक चिकित्सक से रिश्वत मांगी थी। इस मामले में जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग की संचालक प्रियंका दास ने 2 अप्रैल को आदेश जारी करते हुए प्रभारी डीपीएम कृष्णकांत राजोरिया के इस कृत्य को सेवा शर्तों का उल्लंघन कर कदाचरण की श्रेणी में मानते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। इस मामले को लेकर स्वास्थ्य संचनालय भोपाल ने पाया कि लोकायुक्त पुलिस रिश्वत मांगने की शिकायत पर रिकार्डिंग, तथ्यों के सत्यापन व परीक्षण के बाद कार्रवाई करती है। इस आधार पर प्रभारी डीपीएम राजौरिया की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए है।
क्या था मामला
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में संविदा आईसी सलाहकार एवं प्रभारी डीपीएम कृष्णकांत राजौरिया ने 13 सितंबर 2022 को जिला क्षय अधिकारी डा एसके जैन से उनकी कुछ फाइलों को निपटाने के बदले रिश्वत मांगी थी, जिसकी उन्होंने लोकायुक्त को शिकायत की थी। इसके बाद लोकायुक्त भोपाल की टीम ने हरदा आकर उन्हें सीएमएचओ कार्यालय में रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। विभाग ने उन्हें सागर संभाग में अटैच कर दिया था।