दक्षिण अफ्रीका ने 114 रनों का टोटल डिफेंड करते हुए बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड; डीआरएस फैसले पर मचा विवाद
SA vs BAN: दक्षिण अफ्रीका ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के 21वें मुकाबले में बांग्लादेश को हरा दिया। अफ्रीका के लिए यह ऐतिहासिक जीत रही। प्रोटियाज टीम ने इस मैच में वो कर दिया, जो अब तक कई भी दूसरी टीम नहीं कर सकी। यह टी20 वर्ल्ड कप की एतिहासिक जीत बन गई, दरअसल बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में अफ्रीका ने टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास का सबसे छोटा टोटल डिफेंड किया हैं, अफ्रीका ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 113/6 रन बनाए थे और फिर लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश को 109/7 रनों पर रोककर अफ्रीका टीम ने मुकाबला 4 रनों से जीत लिया।
अफ्रीका ने इस जीत के बाद सबसे छोटा टोटल डिफेंड करने के मामले में श्रीलंका और टीम इंडिया को पछाड़ दिया हैं, इससे पहले टी20 विश्व कप में सबसे छोटा टोटल डिफेंड करने का रिकॉर्ड श्रीलंका और टीम इंडिया के नाम पर दर्ज था। दोनों ही टीमों ने 120 रनों के टोटल को डिफेंड करते हुए जीत दर्ज कर की थी। टीम इंडिया ने यह रिकॉर्ड बीते रविवार न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मुकाबले में बनाया था, तो वहीं श्रीलंका ने यह कारनामा 2014 के टी20 विश्व कप में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ किया था।
टी20 वर्ल्ड कप में रनों के लिहाज से सफलतापूर्वक डिफेंड होने वाले सबसे छोटे टोटल
- 114 रन- दक्षिण अफ्रीका बनाम बांग्लादेश, न्यूयॉर्क, 2024
- 120 रन- श्रीलंका बनाम न्यूज़ीलैंड, चैटोग्राम, 2014
- 120 रन- भारत बनाम पाकिस्तान, न्यूयॉर्क, 2024
- 124 रन- अफगानिस्तान बनाम वेस्टइंडीज, नागपुर, 2016
- 127 रन- न्यूजीलैंड बनाम भारत, नागपुर, 2016
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जीत के करीब आकर हारी बांग्लादेश; ऐसा रहा मैच का रोमांच
न्यूयॉर्क में खेले गए मुकाबले में अफ्रीका ने टॉस जीतकर बैटिंग करने का फैसला किया और 20 ओवर में सिर्फ 113/6 रन बोर्ड पर लगा पाई। इस दौरान टीम के लिए हेनरिक क्लासेन ने बड़ी पारी खेलते हुए 44 गेंदों में 2 चौके और 3 छक्कों की मदद से 46 रन बनाए थे। पहली पारी के बाद तो एक समय लगा था कि अफ्रीका मुकाबला हार जाएगी, लेकिन उनके गेंदबाज़ों ने ऐसा होने नहीं दिया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश को अफ्रीकी गेंदबाज़ों ने 20 ओवर में 109/7 रनों पर सीमित कर दिया। टीम के लिए तौहीद हृदयोय (37) और महमूदुल्लाह (20) ने अच्छी पारियां ज़रूर खेलीं, लेकिन टीम को जीत नहीं दिलवा पाए। अफ्रीका के लिए इस दौरान केशव महाराज ने सबसे ज़्यादा 3 विकेट चटकाए, इसके अलावा एनरिक नॉर्किया और कगिसो रबाडा को 2-2 सफलताएं मिलीं।
डीआरएस फैसले पर विवाद; बांग्लादेशी कोच ने कहा – यह निर्णय खेल की भावना के खिलाफ

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के एक रोमांचक मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश को हराकर मैच जीत लिया, लेकिन इस मैच में एक बड़ा DRS (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) विवाद हुआ जिसने बांग्लादेश की संभावित जीत को विवादित बना दिया।
यह घटना तब हुई जब बांग्लादेश को अंतिम ओवर में जीत के लिए सिर्फ 6 रनों की आवश्यकता थी और उनके हाथ में 3 विकेट बचे थे। बांग्लादेश के बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम और महमुदुल्लाह क्रीज पर थे और दोनों ने टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था। लेकिन तभी एक विवादास्पद निर्णय ने मैच का रुख बदल दिया। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज कागिसो रबाडा की एक गेंद पर महमुदुल्लाह के खिलाफ एलबीडब्ल्यू (लेग बिफोर विकेट) की अपील की गई। मैदानी अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने डीआरएस का सहारा लिया। रिप्ले में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था कि गेंद बल्ले को छूकर पैड पर लगी थी, लेकिन अल्ट्रा-एज (स्निकोमीटर) तकनीक ने बल्ले और गेंद के संपर्क को नहीं दिखाया।
तीसरे अंपायर ने अल्ट्रा-एज की रिपोर्ट के आधार पर मैदानी अंपायर के निर्णय को पलटते हुए महमुदुल्लाह को आउट करार दिया। बांग्लादेश के खिलाड़ियों और दर्शकों में भारी नाराजगी देखी गई क्योंकि यह निर्णय बेहद विवादास्पद था। मैदान पर भी बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन ने अंपायरों से बहस की, लेकिन निर्णय को वापस नहीं लिया गया। इसके बाद बांग्लादेश की टीम दबाव में आ गई और अंतिम गेंदों पर अपने विकेट खो बैठी, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने 3 रनों से मैच जीत लिया। इस हार से बांग्लादेश के सेमीफाइनल में पहुँचने की संभावनाओं को भी गहरा झटका लगा।
बांग्लादेशी कोच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह निर्णय खेल की भावना के खिलाफ है और हमने साफ देखा कि गेंद बल्ले को छूकर पैड पर लगी थी। DRS का उपयोग खेल को निष्पक्ष बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन यहां इसका उल्टा असर हुआ।” दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने इस विवाद को खेल का हिस्सा बताते हुए कहा कि ऐसी परिस्थितियाँ क्रिकेट में अक्सर आती रहती हैं और हमें अंपायरों के निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
इस विवाद ने आईसीसी और क्रिकेट प्रेमियों के बीच बड़ी बहस को जन्म दे दिया है। DRS की विश्वसनीयता और तकनीकी खामियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आने वाले दिनों में आईसीसी इस मामले की समीक्षा कर सकती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए तकनीकी सुधार पर विचार कर सकती है।