भतीजे को 376 के अपराध से बचाने के लिय माँगी फिरौती; साइबर अपराध माफ़ियाओ से अपनी सतर्कता से बचे धर्मेंद्र मौर्य
आज हम तकनीक के ऐसे दौर में पहुंच गए हैं, जहां भरोसा शब्द ही बेमानी हो गया है ? अत्याधुनिक, नित नई बदलती और उन्नत होती तकनीक के बावजूद हम ठगे जा रहे हैं। लुट-पिट कर हाथ मलते रह जाते हैं। ऐसा लगता है कि हम जितनी प्रगति कर रहे हैं, उतना ही अनजान साइबर शिकारियों के मकड़जाल में जकड़ते जा रहे हैं। तमाम डिजिटल मंच साइबर विश्वास को लगातार तोड़ रहे हैं। डिजिटल या सोशल मीडिया मंचों पर निगाह गड़ाए, साइबर अपराधियों के अनजान चेहरे कुछ इसी अंदाज में धोखा देते हैं। हर पल लोग इनका शिकार होते हैं। कितने लोग कहां-कहां साइबर अपराधियों की गिरफ्त में आए, इसकी सही जानकारी कभी सामने नहीं आ पाती। कई बार शिकार हुए लोगों को ही जानकारी नहीं हो पाती कि उन्हें न्याय के लिए कहां दरवाजा खटखटाना है। साइबर अपराधी एक से एक नई तरकीबें अपनाते हैं। इनके शिकार पढ़े-लिखे लोग भी होते हैं।
साइबर धोखाधड़ी आम लोगो के साथ-साथ शासकीय कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। विगत कुछ माह में देश के अलग अलग हिस्सों से शासकीय कर्मचारियों के साथ फर्जी सीबीआई / आईटी / इडी अधिकारी बनकर ठगी करने के मामलों में तेजी आई हैं। ऐसी धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से खुद को बचाने के लिए आवश्यक उपाय करने के साथ साथ सतर्कता रखना आवश्यक होता हैं । वही इसे मामलों की समय रहते जानकारी पुलिस विभाग को देना भी एक महत्वपूर्ण उपाय हैं जिन्हें अपनाकर साइबर धोखाधड़ी से बचा जा सकता है।
ऐसा ही एक मामला सोमवार को हरदा जिले की खिरकिया तहसील से सामने आया है, जहाँ एक शासकीय कर्मचारी को एक फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर फोन कर एक गंभीर मामले में उसके भतीजे को गिरफ्तार करने और मामले को रफा-तफा करने के एवज में रुपयों की मांग की, इतना ही नहीं उक्त ठग ने अपने दावें को प्रभावी बनाने हेतु एक वीडियों भी उक्त शासकीय कर्मचारी को भेजा जिसमे कुछ युवकों को हथकड़ी में जकड कर बेरहमी से पिटाई करते हुए दिखाया गया था। हालांकि उक्त कर्मचारी की सतर्कता से वह तो ठगी से बच गया लेकिन ऐसे कितने लोग है जो इस तरह की स्थिति से सामना होने पर अपना आपा न खोते हुए मामलें को समझे बिना इसे ठगों का आसान शिकार बन जाते है।
अपनी सतर्कता से लुटने से बाल-बाल बचा पोस्ट ऑफिस कर्मचारी, सीबीआई अधिकारी की धमकी और मांगे 80 हजार
खिरकिया। आधुनिक तकनीकों के फ़ायदे तो हे ही लेकिन आपराधिक प्रवत्ति के लोग इसकी सहायता से भी लोगों को अपना शिकार बना लेते हे । ऐसे साइबर अपराधों से आप थोड़ी सी सावधानी और शांत मन से सतर्कता और समझदारी रखते हुए बच सकते हैं। इसका जीवंत उदाहरण सोमवार को खिरकिया से प्रकाश में आया हैं। स्थानीय पोस्ट ऑफिस में सहायक पोस्टमास्टर धर्मेन्द्र मोर्य ने अपनी समझदारी और धैर्य से साइबर ठगी के एक प्रयास को विफल कर दिया ।
क्या हैं मामला : – उक्त घटनाक्रम सोमवार सुबह का हैं, जब धर्मेंद्र अपने कार्यालय में काम कर रहे थे। तभी उनके मोबाइल पर +92 3206403571 नंबर से फ़ोन आता हैं, और सामने से एक व्यक्ति बोलता हैं की हम सीबीआई से बोल रहे हैं, आपका भतीजा दीपक राज ग़लत काम करते हुए पकड़ा गया हैं, उसको धारा 376 में मामला बनाकर अंदर कर रहे हैं। उसको दिल्ली लेकर जा रहे हैं अभी उसकी पिटाई चल रही हैं। अगर तुम अपने भतीजे को पिटाई और केस से बचाना चाहते हो तो 80 हज़ार रुपये हमारे खाते में डालो । इसके बाद तथाकथित सीबीआई अधिकारी के द्वारा खाते की डिटेल्स भी दी गई ।
अचानक इस तरह के फोन कॉल के आने से पहले तो धर्मेंद्र थोड़ा घबरा जाते हैं, फिर अगले ही पल समझदारी से काम लेते हुए अपने भतीजे के मोबाइल पर कॉल करते हैं, भतीजे से फोन पर बात होने के दौरान उन्हें ज्ञात हुआ की उनका भतीजा इस समय अपने कॉलेज में प्रेक्टिकल की तैयारियों में व्यस्त हैं और किसी भी प्रकार की मुसीबत में नहीं हैं।
इस दौरान उन्होंने बिना किसी हड़बड़ी के ठगों के फ़ोन का इंतज़ार किया, कुछ समय बाद दुबारा फ़ोन आने पर धर्मेन्द्र ने अपने भतीजे से फोन पर बात कराने अथवा वीडियो कॉल पर बात करने के लिए कहाँ, इस दौरान सामने से फोन पर पर पीछे से किसी को मारने कि आवाजे आना शुरू हो जाती हैं, इस दौरान तथाकथित सीबीआई अधिकारी के द्वारा बात तो नहीं कराई लेकिन अपने दूसरे नम्बर +92 3091600939 से कुछ युवको की बेरहमी से हो रही पिटाई का वीडियो भेजते हैं। और धर्मेन्द्र को उस वीडियों को देखने का बोलते हैं, वीडियों देखेने के बाद जब धर्मेन्द्र ने कहा की उनके भतीजे का चेहरा नहीं दिख रहा हैं तो इस पर फोन पर मौजूद ठग भड़क जाता है ग़ुस्से में धमकाते हुए बात करना शुरू कर देता हैं।
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किसी को शंका न हो इसलिए लगाया वर्दी में फोटो, ट्रू कॉलर आईडी में सीबीआई लिख रखा था
इस तरह की आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगो कितने शातिर होते है इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता हैं की इस घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति ने अपने फ़ोन नंबर की ट्रू कॉलर आईडी पर भी CBI लिख रखा था, वही आईडी में पुलिस अधिकारी की वर्दी में फ़ोटो लगा रखा था। लेकिन अगर मुसीबत के ऐसे पलों में थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए तो धर्मेन्द्र मौर्य की तरह ऐसे अपराधों और ठगी से बचा जा सकता हैं।