हरदा । जिला न्यायाधीश व सचिव गोपेश गर्ग एवं तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश रोहित सिंह की उपस्थिति में शुक्रवार को एडीआर सेंटर, हरदा में कार्यशाला आयोजित कर किशोर न्याय बोर्ड के पैनल अधिवक्तागण, लीगल एड डिफेंस काउंसिल, स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट, किशोर न्याय बोर्ड एवं वन स्टॉप सेंटर के पदाधिकारीगण तथा पैरालीगल वॉलेटियर्स को किशोर न्याय अधिनियम के बारे में बताया गया।
कार्यशाला में जिला न्यायाधीश एवं सचिव गर्ग ने बताया कि किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2015 का मुख्य उद्देश्य विधि विरूद्ध बालकों तथा सेवारत व संरक्षण के जरूरतमंद बालकों की बाल मैत्री प्रक्रिया के तहत उनके सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए उनकी समुचित देखरेख, उनके पुनर्वास, संरक्षण, उपचार एवं विकास सुनिश्चित करना है।
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कार्यशाला में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश रोहित सिंह द्वारा बताया गया कि अगर किसी बच्चे से कोई अपराध हो जाता है तो ऐसे बच्चों के नाम एवं पहचान को छुपाकर समस्त कार्यवाही की जाती है निर्योग्यता का सिद्वांत भी लागू होता है। धारा 15 के तहत प्रिलिमिनरी असेसमेंट, सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट, जमानत, डिस्पोजीशनल आदेश, किशोर न्याय नियम, किशोर न्याय अधिनियम के तहत विभिन्न प्रकार के अपराध आदि पर विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में जेजे बोर्ड से संबंधित पूछे गये प्रश्नों के उत्तर एवं समस्याओं का समाधान किया गया एवं अपने अपने अनुभव साझा किए गए। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश्वरी महोविया, उप पुलिस अधीक्षक महिला सेल अरूणा सिंह, जिला विधिक सहायता अधिकारी अपर्णा लोधी, पुलिस बालमित्र तथा अधिवक्ता आदि उपस्थित रहे।