चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन माता के मां स्कंदमाता रूप की पूजा होती है। माता दुर्गा के पांचवें स्वरूप को यह नाम भगवान कार्तिकेय से मिला है।
Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा पांचवे रूप स्कंदमाता (Maa Skandmata) की पूजा होती है। माता दुर्गा के पांचवें स्वरूप को यह नाम भगवान कार्तिकेय से मिला है और इस रूप में माता के ममतामई स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। संतान की कामना करने वालों को मां के इस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता रूप की पूजा कैसे करनी चाहिए और किस चीज का लगाना चाहिए भोग।
मां स्कंदमाता का स्वरूप
मां स्कंदमाता स्वरूप में माता चार भुजाधारी हैं और दाई ओर की ऊपरी भुजा में कार्तिकेय को गोद में लिया है। निचली भुजा में कमल का पुष्प धारण करती हैं। बाई ओर की ऊपरी भुजा अभय मुद्रा में और निचली भुजा में सफेद रंग का कमल धारण किए हैं। माता की सवारी सिंह है और कमल पर विराजने के कारण पद्मासना कहीं जाती हैं।
संवाद 24 की खबरों के लिए व्हाट्सएप चैनल को फॉलो करे, फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें..
Follow the संवाद 24 channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaE8doLBPzjdzNPorg3V

मां स्कंदमाता की पूजा विधि
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा के लिए प्रात: स्नान के बाद पीले रंग का वस्त्र धारण कर पूजा करें। पूजा के लिए लाल पुष्प लेकर माता का स्मरण करें। देवी को गंध, अक्षत, धूप, फूल, फल, बताशा, पान, लौंग, इलायची अर्पित करें। धूप और दीप जलाएं। माता को उनके प्रिय केले से भोग लगाएं। माता की आरती करें और शंख की ध्वनि करे। माता को लाल रंग की चूनर और सुहाग की वस्तुएं अर्पित करें। मां स्कंदमाता की पूजा में धनुष बाण अर्पित करने का विशेष महत्व है।
मां स्कंदमाता की पूजा का मंत्र
मां स्कंदमाता की पूजा के लिए इस मंत्र का करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।