नपाध्यक्ष और साथी पार्षदों ने किया बीच-बचाव कर किया मामला शांत। भारतीय जनता पार्टी के हैं दोनों पार्षद। सड़क के मुद्दे को लेकर भिड़े थे दोनों पार्षद। समझाइश के बाद नहीं कराई कोई शिकायत दर्ज।
गुना। लंबे समय बाद नगरपालिका की साधारण सभा की बैठक मंगलवार को सम्पन्न हुई। इस बैठक के दौरान भाजपा के दो पार्षदों के बीच विवाद के बाद हाथापाई की नौबत आ गई। इस दौरान नपाध्यक्ष और मौके पर मौजूद अन्य पार्षदों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करा दिया। दोनों पार्षद जलकार्य के मुद्दे को लेकर झगड़ पड़े थे।
दरअसल यह विवाद उस समय बढ़ गया जब परिषद की बैठक के बाद वार्ड-11 के पार्षद बृजेश राठौर द्वारा सीवर लाइन के लिए खुदी सड़कों के पेंचवर्क का मुद्दा उठाते हुए जल प्रकोष्ठ प्रभारी संचित ढिमरी से सवाल-जवाब किए थे। राठौर ने कहा कि डेढ़ साल से उक्त सड़क खुदी पड़ी है। मरम्मत के सवाल पर प्रभारी ठेकेदार से बात करने का बोल रहे हैं। पार्षद बृजेश राठौर ने कहा कि मुझे उससे क्या मतलब, मैं तो प्रभारी से बात करूंगा। इसी बीच इसके पहले संचित ढिमरी जबाब देते जलकार्य समिति प्रभारी व वार्ड-22 के पार्षद राजू ओझा बीच में जवाब देने लगे। इस बात पर दोनों भाजपा पार्षदों के बीच पहले गहमा-गहमी हुई और फिर देखते ही देखते लात-घूंसे चलने लगे।
उनके बीच गहमागहमी इतनी बढ़ गई कि दोनों अपनी कुर्सियों से उठकर गुत्थमगुत्था हो गए और हाथापाई करने लगे। इस दौरान जूते, पानी की बोतल एक दूसरे पर फेकने लगे , मामले को बढ़ता देख नपाध्यक्ष प्रतिनिधि व अन्य पार्षदों ने उठकर बीच-बचाव कराया और दोनों को अलग किया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। इतना ही नहीं, मामला शांत होने के बाद परिषद सभाकक्ष के बाहर भी दोनों के विवाद हुआ। हालांकि, अध्यक्ष व अन्य पार्षदों की समझाइश के बाद किसी ने भी इस मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।
इस गहमागहमी के बीच नगरपालिका परिषद की इस बैठक के दौरान करीब 285.18 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जो 1.46 लाख बचत का है। इसी तरह नपा जल प्रकोष्ठ का लगभग 109.35 करोड़ का बजट पेश किया गया, जो 20 हजार रुपये बचत का रहा।