चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित तौर पर बैलेट पेपर के साथ छेड़छाड़ कराने वाले आरओ अनिल मसीह से बीजेपी ने पल्ला झाड़ लिया है। रविवार को भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारियों की सूची से अनिल मसीह को बाहर कर दिया है।
बैलेट टेंपरिंग के आरोपों के बीच बीजेपी ने अनिल मसीह को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से हटा दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह को लेकर सख्त टिप्पणी की थी। यही नहीं उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा था।
जानकारी के मुताबिक़ रविवार देर शाम बीजेपी की तरफ से एक सूची जारी की गई थी। उसमें अनिल मसीह का नाम गायब मिला। अनिल मसीह को 2021 में चंडीगढ़ बीजेपी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव बनाया था। तब से वह इस पद पर आसीन थे। अब उनकी जगह बीजेपी के नए अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ महासचिव को नियुक्त किया है। ये पद अब इस्तेखार अहमद को दिया गया है। इस प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रवक्ता संजीव राणा की तरफ से कहा गया है कि उनकी पार्टी की तरफ से फैसला लिया गया है कि कोई भी मनोनीत पार्षद बीजेपी की चंडीगढ़ इकाई का सदस्य नहीं होगा।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अनिल मसीह पीठासीन अधिकारी थे। इनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए। मसीह पर मतपत्रों से छेड़छाड़ करते नजर आए थे। जिसे लेकर आप और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। उन पर विपक्ष ने 8 मतपत्रों से छेड़छाड़ का आरोप है। जिसको उन्होंने अवैध घोषित कर दिया था। अनिल मसीह चंडीगढ़ नगर निगम के 9 नॉमिनेटेड पार्षदों में से एक हैं। 18 अक्टूबर 2022 को BJP की चंडीगढ़ और पंजाब इकाई से जुड़े रहे 9 नेताओं को चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर और पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित ने नगर निगम का पार्षद नॉमिनेट किया था। इन्हीं में अनिल मसीह भी शामिल हैं।