30 लाख की फिरौती के लिए दोस्तों के संग रची थी किडनैपिंग की साजिश,छात्रा और एक साथी फरार।

शिवपुरी की छात्रा का कोटा में अपहरण की वारदात निकली झूठी, अपने दो दोस्तों के साथ, इंदौर पहुंचकर छात्रा ने ही रची थी किडनैपिंग की साजिश। एक साथी पुलिस हिरासत में, उगले साजिश के कई राज ।

इंदौर। शिवपुरी से कोटा पढ़ने के लिए गई एक छात्रा के अपहरण कहानी पूरी तरह से झूठी निकली। छात्रा ने खुद ही अपहरण की साजिश रची थी। छात्रा का कोटा के किसी भी संस्थान में एडमीशन नहीं लिया था बल्कि कोटा से इंदौर चली गई थी। बुधवार को पुलिस ने मामले की पार्टी खोलते हुए बताया कि लड़की विदेश जाना चाहती थी, इसीलिए उसने ये पूरी साजिश रची थी।

मध्यप्रदेश के बैराड़ ( गुना ) के स्कूल संचालक की बेटी के अपहरण मामले में बुधवार को कई अहम खुलासे कड़ते हुए पुलिस ने साफ कर दिया कि छात्रा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ है। बल्कि छात्रा ने खुद अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अपहरण की झूठी साजिश रची है। छात्रा और उसका एक दोस्त विदेश में पढ़ाई करना चाहते थे और उसके लिए रुपयों का इंतजाम करने यह पूरी झूठी कहानी रची थी। कोटा पुलिस ने छात्रा के एक साथी को पकड़ लिया है। हालांकि पुलिस ने अभी किसी भी गिरफ्तारी की बात स्वीकार नहीं की है। छात्रा और उसका एक साथी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिया था संज्ञान

इस मामले में लड़की के पिता की गुहार पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मामले में संज्ञान लिया था। सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात कर पुलिस को एक्टिव करने और बेटी को जल्द से जल्द तलाशकर लाने का आग्रह किया था। वही बच्ची के पिता को फोन कर आश्वस्त किया था कि बेटी को वापस लाने की जिम्मेदारी उनकी है। आप परिवार का ख्याल रखो, वह सिर्फ आपकी नहीं, बल्कि मेरी भी बेटी है।

क्या है पूरा मामला :-

छात्रा के फर्जी अपहरण मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार मप्र के गुना जिले के बैराड़ में एक निजी स्कूल संचालित करने वाले रघुवीर धाकड़ को 18 मार्च को वाट्सएप पर उसकी बेटी काव्या धाकड़ की रस्सी से हाथ पैर बंधी तस्वीरें भेजीं और उसे छोड़ने के एवज में 30 लाख रुपये की फिराैती मांगी गई थी। कोटा में छात्रा के साथ ऐसी घटना होने की बात सामने आने पर मध्य्प्रदेश समेत देश मे हड़कंप मच गया था। उधर मामले की जांच के दौरान जब पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया तो सामने आया कि छात्रा ने कोचिंग में प्रवेश ही नहीं लिया है। इसके अलावा छात्रा के परिजन जिस हास्टल में रहना बता रहे थे, वहां भी छात्रा नहीं रह रही थी।

कोटा पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने किया मामले का खुलासा ।

कोटा पुलिस अधीक्षक डा. अमृता दुहन ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि छात्रा काव्या तीन अगस्त को उसकी मां के साथ कोटा आई थी। यहां उसने एक कोचिंग से पंजीयन का फार्म लिया था और एक हास्टल में रहने का तय करके उसकी मां उसी दिन वापस लौट गई थी। इसके बाद छात्रा पांच अगस्त तक कोटा में रही और फिर इंदौर चली गई। पुलिस ने जब अनुसंधान किया तो यह स्पष्ट हो गया था कि छात्रा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ है। इस पूरे मसमले में जयपुर के दुर्गापुर रेलवे स्टेशन का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमे छात्रा अपने दोनों दोस्तो के साथ दिखाई दे रही थी। 

सूत्रों की मानें तो यह पूरी साजिश को काव्या ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया था जिसमें एक दोस्त को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उससे यह पता चला कि छात्रा इंदौर में थी। पुलिस के अनुसार अभी छात्रा काव्या धाकड़ और उसका एक दोस्त पकड़ में नहीं आया है। काव्या के दोस्त ने पुलिस को बताया है कि काव्या और उसका दोस्त दोनों विदेश में जाना चाह रहे थे। उन्हें लग रहा था कि यहां पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। इसलिए माता-पिता से रुपये मांगे।

इंदौर में दोस्त के फ्लैट में खिचीं गई थी तस्वीरें

पुलिस के अनुसार अपहरणकर्ता बनकर जो तस्वीरें काव्या के पिता को भेजी गई हैं वह उसकी युवक के फ्लैट की हैं जो पुलिस की मदद कर रहा है। वह तस्वीरें फ्लैट की किचन में ली गई हैं। कोटा पुलिस की एक टीम इंदौर और एक टीम अब भी जयपुर में मौजूद है। पुलिस को छात्रा के पिता ने जो घटनास्थल बताया था वहां भी पुलिस ने जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला। पुलिस अधीक्षक डा. दुहन ने अपील है कि काव्या और उसका दोस्त जहां भी हैं वे अपने परिवारजन से संपर्क कर लें या फिर निकटतम थाने में चले जाएं। उनकी सुरक्षा सबसे अहम है।

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