हरदा । भुआणा और निमाणी परम्परा का लोकोत्सव गणगौर मंगलवार को खड़ा स्थापना के साथ शुरू हो गया है। यह 9 दिवसीय गणगौर महोत्सव 22 से 30 अप्रैल तक मनाया जाएगा। वैशाख माह में आयोजित होने वाले गणगौर महोत्सव के दौरान नौ दिनों तक विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु की कामना के साथ परिवार की समृद्धि और कल्याण के लिए देवी गौरी की पूजा करती हैं।
उल्लेखनीय है कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गण” भगवान शिव का पर्याय है और “गौरी” या “गौर” देवी पार्वती का प्रतीक है। गणगौर इन दोनों के मिलन का उत्सव है और यह वैवाहिक और वैवाहिक सुख का प्रतीक है। गणगौर उत्सव के दौरान महिलाएं नौ दिनों तक प्रातः पूजन के बाद समीपस्थ बगीचे में जाकर पाती खेलकर मां गौरी की पूजन और भजन करेंगी। वहीं प्रतिदिन रात्रि में महिलाओं और पुरुषों की भजन मंडलियां भजनों और लोकगीतों पर झालरे (विशेष नृत्य) और स्वांग प्रस्तुत करेंगी।

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हरदा की नार्मदीय ब्राह्मण समाज धर्मशाला में आयोजित गणगौर उत्सव के आयोजनकर्ता चंद्रकांत सिटोके ने बताया कि मंगलवार से आगामी 30 अप्रैल तक प्रतिदिन जिले के नामी और विख्यात भजन मंडल प्रतिदिन प्रस्तुति देंगे, इस हेतु विशेष प्रबंध किए गए है।