एनडीए के नेता चुने गए मोदी; बैठक से पहले संविधान को लगाया माथे से, शपथ ग्रहण समारोह 9 जून को
नईदिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया हैं। भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भाजपा के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजग के साथी तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इस अवसर पर अपना संबोधन देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”बहुत कम लोग इन बातों की चर्चा करते हैं, उन्हें शायद सूट नहीं करता होगा। इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए। एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनवाकर सेवा का मौका दिया है। हमारा गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की असली आत्मा, भारत की जड़ों में जो रचा-बसा है, उसका प्रतिबिंब है।”
कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि जो साथ विजय होकर आए हैं, वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया है, उन लोगों ने न दिन देखा, न रात देखी। इतनी भयंकर गर्मी में हर दल के कार्यकर्ता ने जो पुरुषार्थ, परिश्रम किया है, मैं आज संविधान सदन से उन्हें सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। साथियों मेरा बहुत सौभाग्य है कि एनडीए के नेता के रूप में आप सब साथियों ने सर्वसम्मति से चुनकर मुझे नया दायित्व दिया है। इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
इसके पूर्व संसद भवन की पुरानी इमारत में स्थित संविधान कक्ष में राजग की बैठक की औपचारिक शुरुआत होने के बाद वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने मोदी को राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी सहयोगी दलों ने अनुमोदन किया। अनुमोदन के बाद सभी नेताओं ने ध्वनि मत से मोदी को अपना नेता चुन लिया।

इन लोगों ने किया अनुमोदन –
राजनाथ सिंह के प्रस्ताव का सबसे पहले अमित शाह, फिर नितिन गड़करी और उसके बाद राजग के अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने समर्थन किया। समर्थन करने वाले प्रमुख राजग नेताओं में सबसे पहला नाम जनता दल (सेक्युलर) के एच डी कुमारस्वामी का था। इसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता एन चंद्रबाबू नायडू और फिर जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
शिवसेना के एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार सहित राजग में शमिल अन्य घटक दलों के नेताओं ने भी इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के जीतन राम मांझी, अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल और जन सेना पार्टी के पवन कल्याण सहित अन्य नेताओं ने भी प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की रविवार को लेंगे शपथ
इससे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता प्रहलाद जोशी ने एनडीए संसदीय दल की बैठक में कहा कि नरेंद्र मोदी रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। मोदी को अपना नेता चुनने के लिए यहां पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एकत्रित एनडीए नेताओं से जोशी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह 9 जून को शाम 6 बजे होगा। एनडीए सांसदों के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गठबंधन के वरिष्ठ नेता बैठक में मौजूद थे।

सांसदों-सहयोगियों का जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है – मोदी
बैठक में उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”व्यक्तिगत जीवन में, मैं जवाबदारी का एहसास करता हूं। 2019 में जब आप सभी ने मुझे नेता के रूप में चुना था, तब मैंने एक बात पर बल दिया था- विश्वास। आज जब आप मुझे फिर से एक बार ये दायित्व दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमारे बीच विश्वास का सेतु बहुत मजबूत है। अटूट रिश्ता विश्वास के मजबूत धरातल पर है। ये पल भावुक करने वाला भी है। आप सबके प्रति जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है।”
हमारा गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की असली आत्मा
पीएम मोदी ने कहा, ”बहुत कम लोग इन बातों की चर्चा करते हैं, उन्हें शायद सूट नहीं करता होगा। इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए। एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनवाकर सेवा का मौका दिया है। हमारा गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की असली आत्मा, भारत की जड़ों में जो रचा-बसा है, उसका प्रतिबिंब है। हमारे देश में 10 ऐसे राज्य हैं, जहां आदिवासी बंधुओं की संख्या प्रभावी रूप से है, निर्णायक रूप से है। जहां आदिवासियों की आबादी ज्यादा है, ऐसे 10 राज्यों में से सात में एनडीए सेवा कर रहा है। हम सर्वधर्म समभाव वाले संविधान को समर्पित हैं। गोवा हो, पूर्वोत्तर हो, जहां बहुत बड़ी मात्रा में ईसाई भाई-बहन रहते हैं, उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में हमें सेवा का अवसर मिला है।”
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बोले पीएम -सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है; और देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी हैं
पीएम मोदी ने कहा, ”हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और गठबंधन की राजनीति के इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन इतना कभी मजबूत नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की जीत है। हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वही एक सिद्धांत है। देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है।
मैं आज देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, हम सभी का दायित्व है कि सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। एनडीए को करीब-करीब तीन दशक हो चुके हैं। आजादी के 75 साल में तीन दशक एनडीए का होना सामान्य घटना नहीं है। विविधता के बीच तीन दशक की यह यात्रा बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है। आज गर्व के साथ कहता हूं कि एक समय संगठन के कार्यकर्ता के रूप में मैं इस गठबंधन का हिस्सा था और आज सदन में बैठकर आपके साथ काम करते-करते मेरा भी नाता इससे तीस सालों का हो गया है। मैं कह सकता हूं कि यह सबसे सफल गठबंधन है। पांच साल का कार्यकाल होता है, लेकिन इस गठबंधन ने तीस साल में से पांच-पांच साल के तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और गठबंधन चौथे कार्यकाल में प्रवेश कर रहा है।”