सावधान !  प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया पर रखी जा रही है पैनी नजर, रखे ध्यान, कही मुश्किल में न पड़ जाए आप

हरदा। अगर आप बिना पढ़े भावना प्रधान होकर किसी मेसेज को सोशल मीडिया अथवा इंटरनेट पर प्रसारित करते है तो यह खबर आपके लिए बहुत आवश्यक और काम की है, क्योंकि अगर आपके द्वारा किसी व्हाट्सएप्प ग्रुप, फेसबुक, इन्स्टाग्राम, एक्स आदि सोशल साइटों अथवा इंटरनेट पर भेजे गए किसी मेसेज में चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाया गया तो, आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है, साथ ही आपको चुनाव आयोग की कार्रवाई का सामना भी करना पड सकता है।

लोकसभा निर्वाचन – 2024 के दौरान अखबार और टीवी चैनलों में विज्ञापनों और पेड न्यूज की मॉनिटरिंग करने के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के दिशा – निर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया पर भी आयोग की पैनी नजर गढ़ी हुई है। जानकारी के मुताबिक़ आयोग द्वारा प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया पर किए जाने वाले प्रचार का खर्च भी अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। अभी तक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा अखबार में प्रकाशित कराए जाने वाले समाचार, विज्ञापन और न्यूज चैनल्स पर दिखाए जाने वाले विजुअल पर ही नजर रखी जाती थी। लेकिन बदलते समय के साथ अब इस बार के लोकसभा निर्वाचन में सोशल मीडिया की पोस्ट पर भी नजर रखी जा रही है और चुनाव के खर्चे में अभ्यर्थी द्वारा सोशल मीडिया पर किया जाने वाला व्यय भी जोड़ा जाएगा।

इसके अतिरिक्त आयोग ने भ्रामक और गलत सूचनाएं और फेक न्यूज फैलाने वालों पर भी पूरी नजर रखने के प्रबंध कर लिए है, जानकारी के मुताबिक़ फेक न्यूज और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर आयोग कड़ी कार्यवाही भी की जाएगी। इस हेतु कलेक्ट्रेट हरदा में इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के लिये अलग-अलग कक्ष बनाये गये है, जिनमें अधिकारी कर्मचारी लगातार नजर रख रहे है।

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