सहायक यंत्री की चप्पल से पिटाई कर छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली पूर्व जनपद अध्यक्ष सहित दो अन्य पर मामला दर्ज

डिंडौरी। जिले के थाना मुख्यालय करंजिया में रोजगार गारंटी योजना के सहायक यंत्री पंकज सिंह परिहार की चप्पल से पिटाई कर छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली पूर्व जनपद अध्यक्ष रंजीता परस्ते सहित दो अन्य के विरुद्ध थाने में शुक्रवार की देर रात मामला दर्ज हो गया है। पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल की सख्ती के बाद करंजिया थाने में आरोपितों के विरुद्ध शासकीय लोक सेवक के साथ सरकारी काम मे बाधा डालते हुए मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है।

इस मामले में पुलिस ने आरोपित पूर्व जनपद अध्यक्ष रंजीता परस्ते, मोती मरावी और राधे पटले के विरुद्ध धारा 353,187,189, 294, 323, 506 के तहत मामला दर्ज किया है। थाना प्रभारी करंजिया अमृत लाल तिग्गा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।

क्या है मामला ….

डिंडोरी की पूर्व जनपद अध्यक्ष रंजीता परस्ते का एक सरकारी अधिकारी को चप्पलों से मारते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह किसी बिल के जरिए सरकार के खजाने से पैसा निकालने की मांग कर रही हैं और जब वह उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उन्होंने एक एसडीओ को बेवजह चप्पलों से मार दिया और उसके बाद अपने आदिवासी और महिला होने का फायदा उठाकर उसी अधिकारी के खिलाफ छेड़खानी का भी आरोप लगा दिया था।

फर्जी बिल लेकर पहुंची जनपद ऑफिस

दरअसल रंजीता परस्ते ग्राम पंचायत काटीगहन में चल रहे नाली निर्माण में मूल्यांकन का एक बिल लेकर जनपद ऑफिस पहुंची थी और किसी कार्य के कम मूल्यांकन की बात पर भड़क रही थी, जानकारी के मुताबिक़ रंजीता अधिक भुगतान चाहती थी इसलिए वह अपने साथ कुछ दूसरे ठेकेदारों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने इस काम का वैल्यूएशन करने वाले अधिकारी के साथ जमकर बदतमीजी की और जब इस मामले में एसडीओ ने इस काम का वैल्यूएशन करने वाले इंजीनियर को फोन लगाया तो रंजीता परस्ते ने अपनी चप्पल उतारी और एसडीओ पंकज परिहार को मारना शुरू कर दिया।

एसडीओ पर किया चप्पल से हमला

एसडीओ पंकज परिहार का कहना है कि ”उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था की रंजीता परस्ते उनके ऊपर चप्पल से हमला करेंगी. वह न तो रंजीता परस्ते को पहचानते हैं और न ही यह मामला उनके संज्ञान में था. वह इस मामले की जानकारी ही ले रहे थे कि इस दौरान महिला ने उनके ऊपर हमला बोल दिया.” पंकज परिहार का कहना है कि उनके ऊपर लगाया गया छेड़खानी का आरोप भी झूठा है. पंकज परिहार का कहना है कि ”उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है और अब इस मामले में पुलिस व जिले के आला अधिकारियों को भी शिकायत करेंगे।”

विवादों में रही हैं रंजीता परस्ते रंजीता परस्ते अपने 2018 के कार्यकाल के दौरान भी इसी तरह एक एसडीओ को चप्पलों से मर चुकी हैं, लेकिन आदिवासी महिला होने की वजह से उन्हें यह संरक्षण मिल जाता है, और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती। इस बार भी उन्होंने आदिवासी और महिला होने का फायदा उठाकर एक सरकारी कर्मचारी को सरेआम पीट दिया लेकिन उनके खिलाफ जिले के इंजिनियर, सहायक यंत्री सहित तकनीकी अमला विरोध में लामबंद हो गया और कार्रवाई की मांग करने लगा, इस दौरान जनपद कार्यालय करंजिया सुबह से ही बंद कर यहां पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ सुरक्षा देने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि सभी डरे सहमे है। उनसे मनमानी पूर्वक नियमों को ताक में रखकर काम करने का दबाव बनाया जाता है।

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