वृंदावन उप्र। वृंदावन के जानेमाने संत प्रेमानंद महाराज को शुक्रवार देर शाम सीने में दर्द की शिकायत होने तथा तबियत बिगड़नें पर उनके शिष्यों ने उन्हें वृंदावन के रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया था। रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल के सह सचिव स्वामी कालीकृष्णानंद महाराज ने बताया कि संत प्रेमानंद को साइन में दर्द की शिकायत पर अस्पताल उनके शिष्यजनों द्वारा लाया गया था, जहां डॉक्टरों की टीम ने संत का चिकित्सकीय परीक्षण के बाद छुट्टी दे दी है।
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वृंदावन के जानेमाने राधावल्लभीय संप्रदाय के संत प्रेमानंद महाराज की छटीकरा मार्ग स्थित उनके श्रीकृष्ण शरणम स्थित निवास पर शुक्रवार शाम करीब सात बजकर 15 मिनट पर अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। संध्या आरती के बाद अचानक उनके सीने में दर्द उठ आया। इस पर उनके शिष्यजन संत प्रेमानंद को कार से रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल ले कर पहुंचे। यहां अस्पताल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमित कुमार गुप्ता ने उनका चिकित्सकीय परीक्षण किया। उनका ईको कराया। रिपोर्ट सामान्य आने पर कुछ समय बाद उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
शिष्यों की हुई मीडियाकर्मियों से तीखी नोकझोंक
संत प्रेमानंद महाराज की तबियत बिगड़ने की सूचना मिलने पर पहुंचे मीडियाकर्मियों को संत प्रेमानंद के शिष्यों ने फोटो खीचने और कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। संत परमानंद के शिष्य बार – बार कहते रहे कि संत के बीमार होने बात को मीडिया में न दिया जाए। इसी बात को लेकर शिष्य और मीडिया के कुछ लोगों के बीच तीखी नोकझोंक भी हो गई लेकिन बाद में सब कुछ सामान्य हो गया।
ज्ञात हो कि संत प्रेमानंद महाराज की दोनों किडनी खराब हैं। उनकी उनके ही आश्रम पर डायलेसिस भी होती रहती है। बावजूद, इसके रात दो बजे वे अपने निज आवास श्रीकृष्ण शरणम् से पैदल ही रमणरेती स्थित श्रीहित राधाकेलि कुंज आश्रम पहुंचते हैं और राधारानी की आराधना के साथ ही भक्तों को सदमार्ग पर चलने का संदेश देते हैं। श्रद्धालुओं को दर्शन देने के साथ आध्यात्मिक प्रवचन भी करते हैं।