भोपाल। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में ईरान के पास बने एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी एवं मैदानी क्षेत्रों में वर्षा शुरू हो सकती है। अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी से नमी आने लगी है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम की बदलती इस प्रणाली के चलते शुक्रवार को मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदलने लगेगा। राजधानी भोपाल सहित, नर्मदापुरम, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा का दौर भी शुरू हो सकता है।
शुक्रवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर संभाग के कुछ जिलों, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। मौसम का यह रुख आने वाले दो अथवा तीन दिनों तक भी बना रह सकता है। इस दौरान दिन के तापमान में गिरावट भी दर्ज होगी, लेकिन रात का तापमान कुछ बढ़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त जानकारी में बताया गया कि वर्तमान में ईरान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। कोंकण से लेकर केरल तक एक द्रोणिका बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी में प्रति चक्रवात अभी भी मौजूद है। हवाओं का रुख भी दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है।
ओले गिरने की भी आशंका : शुक्रवार को मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदलने लगेगा। राजधानी सहित, नर्मदापुरम, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। इस दौरान ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग के जिलों में ओले गिरने की भी आशंका है। उधर पांच मार्च को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने के भी संकेत मिले हैं।