भोजशाला परिसर में अकल कुई से लगी दीवार पर मिली गोमुख आकृति, हिंदू पक्ष का दावा

एएसआइ सर्वे का 19वां दिन, हिंदू पक्ष का दावा, यह माता सरस्वती के अभिषेक के बाद जल निकासी का मार्ग।

धार। हाईकोर्ट के निर्देश पर धार जिले की विवादास्पद  भोजशाला में सर्वे के 19वें दिन मंगलवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम ने परिसर के पिछले हिस्से में महत्वपूर्ण धरोहरों का सर्वे किया। हिंदू पक्ष ने दावा किया कि टीम को दरगाह क्षेत्र के पास अकल कुई से लगी दीवार में गोमुख आकृति मिली है।

प्राचीन काल में माता सरस्वती के अभिषेक के बाद जल निकासी इसी से होती थी। टीम ने इसे सूचीबद्ध किया है। इधर मंगलवार होने से हिंदू समाज ने चैत्र नवरात्र के पहले दिन भोजशाला के गर्भगृह में मां सरस्वती के फोटो पर चुनरी ओढ़ाई। विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री सोहन सोलंकी भोजशाला पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह इमारत स्वयं बोल रही है कि यह मां सरस्वती का मंदिर है।

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हिंदू पक्ष ने इस बात पर आपत्ति जताई कि भोजशाला परिसर में स्थित कमाल मौला दरगाह के पास बिना अनुमति लोगों का जमावड़ा और भोजन आदि कैसे बनाया जा रहा है। इस संबंध में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग भी की गई।

मंगलवार को टीम ने सर्वे की शुरुआत सुबह जल्दी की। टीम ने कमाल मौलाना की दरगाह के पास अकल कुई (कूप) का सर्वे जारी रखा। पीछे के भाग व आसपास खोदाई की गई। कूप के अंदर के पत्थरों की जांच के लिए विज्ञानी भी यहां पहुंचेंगे। गोमुख की जांच कार्बन डेटिंग से कर पता लगाया जाएगा कि यह कितना पुराना है।

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