पुलिस ने सुलझाई अंधे कत्ल की गुत्थी; कर्ज मुक्ति और बीमा क्लेम के लिए पूर्व कमांडो ने रची थी अपनी ही हत्या की झूठी साजिश

शराब के नशे में धुत मजदूर को काम देने के बहाने ट्रेन से लेकर आया बुरहानपुर; गला दबाकर हत्या कर शव पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।

बुरहानपुर। मुंबई के पास पनवेल में रहकर होटल और बार चलाने वाले उत्तर प्रदेश के सैनिक नगर आगरा निवासी हूसन सिंह पुत्र गंगाराम ने खुद की हत्या की ऐसी झूठी साजिश रची थी, कि पुलिस भी चकरा गई। यह सारा षड़यंत्र उसने कर्ज से मुक्ति पाने और बीमा क्लेम के लिए रचा गया था।

जानकारी के अनुसार हूसन सिंह पूर्व में सेना में पैरा कमांडो था। हूसन सिंह खुद को मृत साबित करने के लिए अपने पार्टनर गणेश शर्मा के साथ 22 मई को मनमाड़ पहुंचा और वहां के लेबर चौक से शराब में धुत एक मजदूर को यह कह कर ट्रेन से बुरहानपुर लेकर आया था कि वह उसे काम देगा।

इस दौरान हूसन सिंह ने रास्ते में उसे खूब शराब पिलाई और लालबाग के चिंचाला स्थित सूने खेत में ले जाकर गला घोंट दिया। पहचान छिपाने के लिए साथ लाया पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। मृतक को हूसन सिंह साबित करने के लिए न केवल अपना आधार कार्ड पास में फेंक दिया, बल्कि अपने हाथ का कड़ा और बालों की क्लिप भी शव को पहना दी थी। उल्लेखनीय हैं की विगत 25 मई को अधजला शव पड़े होने की जानकारी पुलिस को मिली थी।

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शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने भी मृतक को हूसन सिंह मान लिया था, लेकिन स्वजन ने कद काठी अलग होने की बात कही तो पुलिस का माथा ठनका और तुरंत दो टीमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र रवाना कर दीं। पुलिस ने जब हूसन सिंह के पार्टनर गणेश शर्मा से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया। पुलिस ने हत्या के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन हूसन सिंह अब भी फरार है। गणेश मूलत: मुबारकपुर नई दिल्ली का रहने वाला है।

पेचीदा था मामला; पिता ने पनवेल में दर्ज कराई थी गुमशुदगी

एसपी देवेंद्र पाटीदार ने जानकारी देते हुए बताया कि हूसन सिंह बहुत शातिर है। हूसन सिंह कर्जदारों से बचने के लिए गत 14 अप्रैल से गायब था। जानकारी लगने पर पिता गंगाराम ने खूब तलाश की लेकिन पता नहीं चलने पर उन्होंने पनवेल थाने में चार मई को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। वह घर छोड़कर दूर एक गांव में जाकर खेती किसानी का काम करने लगा था। गत 22 मई को उसने पार्टनर गणेश को मनमाड़ में बुलाया था और खुद भी वहां पहुंच गया था। हत्या के बाद दोनों अलग-अलग रवाना हो गए थे। हूसन सिंह की तलाश में पुलिस टीमें भेजी गई हैं।

एसपी देवेंद्र पाटीदार ने चर्चा के दौरान बताया की अंधे कत्ल का यह प्रकरण पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था, लेकिन पुलिस ने सुलझा लिया। इस गुत्थी को सुलझाने में थाना प्रभारी अमित जादौन के अलावा उप निरीक्षक परसराम पटेल, प्रधान आरक्षक अजय वारूले, विक्रम चौहान, आरक्षक नितेश व सायबर टीम के दुर्गेश पटेल, सत्यपाल बोपचे, ललित चौहान, शक्ति सिंह तोमर, सउनि दिलिप सिंह, प्रधान आरक्षक भरत देशमुख, जितेन्द्र सकवार, आरक्षक पंकज पाटीदार, महेश प्रजापति, अक्षय दुबे की सराहनीय भूमिका रही।

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