पुणे पोर्श कांड : महाराष्ट्र सरकार का बड़ा एक्शन; अग्रवाल के अवैध रिसॉर्ट पर चला बुलडोजर

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श लग्जरी कार से दो लोगों को उड़ाने वाले रईसजादे के परिवार पर नया ऐक्शन हुआ है। शिंदे सरकार के आदेश पर उनके रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाया गया है।

महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श लग्जरी कार से दो युवकों को उड़ाने वाले रईसजादे के परिवार पर सख्त कार्रवाई करते हुए बड़ा एक्शन हुआ है। सीएम एकनाथ शिंदे के आदेश पर पुलिस ने उसके पिता के रिसॉर्ट को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि उक्त कार्रवाई महाबलेश्वर में की गई है। यहां स्थित रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के रिसॉर्ट में अवैध निर्माण कार्य पर कार्रवाई की गई है। 

मामले की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि महाबलेश्वर में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के पास एक रिसॉर्ट था। अग्रवाल पुणे पोर्श दुर्घटना के मुख्य आरोपी का पिता है। शनिवार को पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने महाबलेश्वर के मलकम पेठ क्षेत्र में महाबलेश्वर पारसी जिमखाना (एमपीजी) क्लब में अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सतारा कलेक्टर जितेंद्र डूडी को आदेश दिया था कि यदि रिसॉर्ट अवैध पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

जानकारी के अनुसार, अग्रवाल ने पारसी जिमखाना के 10 एकड़ भूखंड पर रिसॉर्ट का निर्माण किया था, जबकि राज्य सरकार ने इसे आवासीय दर्जा दिया हुआ है। राज्य सरकार ने जिमखाना को 10 एकड़ जमीन पारसी ट्रस्ट के नाम 30 साल के लिए पट्टे पर दी थी। बाद में मामले में आरोपी किशोर के दादा एसके अग्रवाल 2016 में ट्रस्ट की समिति के सदस्य बन गए और उसके बाद में आरोपी की दादी उषा अग्रवाल का नाम भी समिति में जोड़ दिया गया था।

पारसी ट्रस्ट के जिमखाना को बना दिया था रिसॉर्ट

उक्त मामले में जानकारी देते हुए कलेक्टर डूडी ने बताया कि यह 10 एकड़ जमीन राज्य सरकार द्वारा पारसी ट्रस्ट को रहने के लिए दी गई थी। पहले यह पारसी समुदाय का जिमखाना था, लेकिन विशाल अग्रवाल ने जिमखाना को रिसॉर्ट में बदल दिया और इसका अपने लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। 

क्या था मामला :

घटना विगत माह की 18-19 मई रविवार की हैं जब पुणे के कल्याणी नगर में देर रात 2 बजकर 30 मिनट के आसपास एक 17 वर्षीय आरोपी किशोर ने शराब के नशे में अपनी पोर्शे कार अंधाधुंध रफ्तार में दौडाते हुए मोटरसायकल सवार एक युवक और एक युवती को रौंद दिया जिसमें युवती की मौके पर जबकि युवक की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। उल्लेखनीय है की दोनों मृतक मध्यप्रदेश के रहने वाले थे।  

पुणे की जुवेनाइल कोर्ट ने पोर्श सड़क हादसे मामले में 17 वर्षीय लड़के की जमानत रद्द करते हुए उसे 5 जून तक बाल सुधार गृह में भी भेज दिया है। शराब के नशे में एक नाबालिग लड़के द्वारा चलाई जा रही लग्जरी गाड़ी की चपेट में आने से बाइक सवार दो आईटी प्रोफेशनल्स – अनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा की मौत हो गई थी। दोनों 24 वर्षीय मृतक दोस्तों के ग्रुप के साथ डिनर करके वापस लौट रहे थे तभी तेज गति से आ रही पोर्श कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी।

उक्त मामले में पुणे के जाने-माने रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे आरोपी वेदांत अग्रवाल को घटना के कुछ घंटों बाद इस शर्त पर जमानत दे दी गई थी कि वह 15 दिनों के लिए येरवडा ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा और सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखेगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा था। जमानत शर्तों की आलोचना के बाद पुणे पुलिस ने कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। इसके बाद उसने फिर से बोर्ड से संपर्क किया और अपने आदेश की समीक्षा करने और इस आधार पर किशोर के साथ वयस्क आरोपी के रूप में व्यवहार करने की अनुमति मांगी कि अपराध जघन्य प्रकृति का था।

उल्लेखनीय है कि पुणे पोर्श कांड में आरोपी 17 वर्षीय आरोपी को सुधार गृह भेज दिया गया है, जबकि उसके पिता, रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेन्द्र अग्रवाल को परिवार के ड्राइवर का अपहरण करने और उस पर दोष अपने ऊपर लेने का दबाव डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

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