संभल के श्री कल्कि धाम में मंदिर के शिलान्यास के लिए पीएम मोदी ने पूजा की। कल्कि धाम की आधारशिला पीएम मोदी ने रखी। गर्भगृह में मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि का पूजन हुआ।
संभल। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान श्री विष्णु के दसवें अवतार श्री कल्कि भगवान के भव्य धाम की आधारशिला रखी गयी। इस अवसर पर महाकाल उज्जैन से आए पंडितों की ओर से स्वस्ति वाचन, मंत्रोच्चार किया गया। शिलान्यास स्थल पर पूजा के दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम मौजूद रहे।
अतिथियों के स्वागत में उद्द्बोधन देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जिंदगी में कभी ऐसे पल आते हैं। जब शब्द खो जाते हैं। वाणी थम जाती हैं। शबरी के पास बेर थे। हमारे पास आपके स्वागत को कुछ नहीं है। पीएम ने मंच पर पहुंचकर हास्य भाव में आचार्य प्रमोद कृष्णम से कहा कि अच्छा हुआ आपने कुछ दिया नहीं। वरना आज वीडियो बन जाते, सुदामा को कृष्ण ने जो दिया वो सुप्रीम कोर्ट चला जाता।
यह परिवर्तन का नया दौर, हम विकास के साथ विरासत भी संभाल रहे है – मोदी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भगवान कल्कि के विषय में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने गहरा अध्ययन किया। भगवार राम की तरह ही कल्कि का अवतार हजारों वर्षों की रूपरेखा को तय करेगा। आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसे लोग अपना जीवन लगा रहे हैं। पिछली सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि ये कहा गया था कि मंदिर बनने पर शांति व्यवस्था बिगड़ जाएगी। लेकिन आचार्य प्रमोद कृष्णम इस सरकार में मंदिर बनाइये। पीएम मोदी ने कहा कि सदियों के बलिदान फलीभूत हो रहे हैं। आज भारत के अमृतकाल में भारत के गौरव और सामर्थय का बीज अंकुरित हो रहा है। चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव तक पहुंचने वाले देश बने हैं। आज वंदेभारत, नमो भारत ट्रेन चल रही हैं। बुलेट ट्रेन चलाने की व्यवस्था हो रही है। देश में सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास का ज्वार अद्भुत अनुभूति है।
पिछले दिनों, जब प्रमोद कृष्णम् जी मुझे निमंत्रण देने के लिए आए थे। जो बातें उन्होंने बताई उसके आधार पर मैं कह रहा हूं कि आज जितना आनंद उनको हो रहा है, उससे अनेक गुना आनंद उनकी पूज्य माताजी की आत्मा जहां भी होगी, उनको होता होगा। और मां के वचन के पालन के लिए एक बेटा कैसे जीवन खपा सकता है, ये प्रमोद जी ने दिखा दिया है। प्रमोद कृष्णम् जी बता रहे थे कि कई एकड़ में फैला ये विशाल धाम कई मायनों में विशिष्ट होने वाला है। ये एक ऐसा मंदिर होगा, जैसा मुझे उन्होंने पूरा समझाया अभी, जिसमें 10 गर्भगृह होंगे, और भगवान् के सभी 10 अवतारों को विराजमान किया जाएगा। 10 अवतारों के माध्यम से हमारे शास्त्रों ने केवल मनुष्य ही नहीं, बल्कि अलग-अलग स्वरूपों में ईश्वरीय अवतार को प्रस्तुत किया गया है। यानी, हमने हर जीवन में ईश्वर की ही चेतना के दर्शन किए हैं। हमने ईश्वर के स्वरूप को सिंह में भी देखा, वराह में भी देखा और कच्छप में भी देखा। इन सभी स्वरूपों की एक साथ स्थापना हमारी मान्यताओं की व्यापक छवि प्रस्तुत करेगी। ये ईश्वर की कृपा है कि उन्होंने इस पवित्र यज्ञ में मुझे माध्यम बनाया है, इस शिलान्यास का अवसर दिया है।

पीएम ने कहा कि राष्ट्र को सफल होने के लिए सामूहिकता से ताकत मिलती है। सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका कार्य, राष्ट्र के लिए काम कर रहा है। पिछले दस वर्षों में पक्के घर, शौचालय, घर में बिजली, पानी के लिए कनेक्शन, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, कम कीमत पर गैस, आयुष्मान कार्ड, दस करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि, कोरोनाकाल में हर देशवासी को मुफ्त वैक्सीन, आज दुनिया में भारत के काम की चर्चा हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि भगवान कल्कि के आशीर्वाद से संकल्पों की यात्रा समय से पहले सिद्धि तक पहुंचेगी। सशक्त और समर्थ भारत के सपने को पूरा होता देखेंगे।
जिस दिन अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तब मैंने एक और बात कही थी। 22 जनवरी से अब नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी है। प्रभु श्री राम ने जब शासन किया तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों तक रहा। उसी तरह, रामलला के विराजमान होने से, अगले हजार वर्षों तक भारत के लिए एक नई यात्रा का शुभारंभ हो रहा है। अमृतकाल में राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी सहस्र शताब्दी का ये संकल्प केवल एक अभिलाषा भर नहीं है। ये एक ऐसा संकल्प है, जिसे हमारी संस्कृति ने हर कालखंड में जीकर दिखाया है।
आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मजयंती भी है। ये दिन इसलिए और पवित्र हो जाता है, और ज्यादा प्रेरणा दायक हो जाता है। आज हम देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, आज अपनी पहचान पर गर्व और उसकी स्थापना का जो आत्मविश्वास दिख रहा है, वो प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है। मैं इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। कार्यक्रम मे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अवधेशानंद गिरी, स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, सदगुरू रितेश्वर समेत कई संत मौजूद रहे।