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हरदा। नगर बैरागढ़ में स्थित पटाखा फैक्ट्री में गत 6 फरवरी को हुई विस्फोट की घटना के बाद चाहे शासन और प्रशासन के हिसाब से आग शांत हो गई हो, लेकिन इस आग से झुलसे पीड़ितों के तन और मन मे आग अभी भी दहक रही है।
शासन ने अपने स्तर पर जांच करके और राहत कार्य को अंजाम भी दे दिया लेकिन यह यह पीड़ितों और हादसे में हताहत हुए लोगो के साथ सिर्फ एक छलावा प्रतीत हो रहा है, विगत कई दिनों से पीड़ित अलग अलग स्तर पर अपनी व्यथा और तकलीफों से सरकारी एजेंसियों और जिम्मेदार नेता, अधिकारियों को बताते रहे, लेकिन उन्हें सांत्वना और हौसला कायम रखने की समझाईश के अलावा कुछ हासिल नही हुआ।
घटना में अपना घर जीवन सब कुछ लुटा चुके पीड़ितों का सब्र अब जबाब देने लगा है, शुक्रवार को बैरागढ़ क्षेत्र के कई पीड़ित परिवार के सदस्यों ने स्थानीय घँटाघर चौराहे पर सामूहिक रूप से धरना देकर अपनी आवाज उठाई , इस दौरान लगभग 12 सदस्यों ने भूख हड़ताल भी शुरू की है।
पीड़ित परिवार के सदस्यों ने इंसाफ की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान कई पीड़ितों ने शासन की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए जिला प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाया है।
पीड़ितों के द्वारा किए जा रहे धरने और भूख हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष हेमंत टाले, और कांग्रेस महिला सेवादल की प्रदेशाध्यक्ष अवनी बंसल ने भी शासन की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए, पीड़ितों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।