फसलों के MSP पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान एक बार फिर आंदोलन के रुख में नज़र आ रहे हैं। केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसान नेताओं ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च का ऐलान किया है। इस मार्च में शामिल होने के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी कई किसान रवाना हुए। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश से दिल्ली जा रहे करीब 20 कृषक नेताओं को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। वही पुलिस के द्वारा हरदा में एक किसान नेता और जबलपुर से करीब आठ किसान नेताओं की एहतियातन हिरासत में लिया।
फसलों के MSP (Minimum Support Price) पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान एक बार फिर आंदोलन के रुख में नज़र आ रहे हैं। केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसान नेताओं ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च का ऐलान किया है। इस मार्च में शामिल होने के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी कई किसान रवाना हुए। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश से दिल्ली जा रहे 20 कृषक नेताओं को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। इनमें मध्य प्रदेश के श्योपुर समेत इंदौर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा और देवास के किसान शामिल है। पुलिस की तरफ से किसान नेताओं की ज़बरन गिरफ्तारी के बाद इस मामले ने प्रदेश ने ज़ोर पकड़ लिया है। किसानों को रिहा नहीं करने पर संगठन की तरफ से आंदोलन की दी धमकी दी गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) में शामिल संगठन राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ (National Farmer Labor Federation) के एक पदाधिकारी ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। संगठन के करीब 20 नेताओं को दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत गिरफ्तार किया है।’ राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के इंदौर क्षेत्र के प्रवक्ता आशीष भैरम ने इस गिरफ्तारी को ‘‘तानाशाही” बताया और कहा कि सरकार को किसानों की मांगे माननी चाहिए। किसानों की एहतियातन गिरफ्तारी के बारे में पुलिस अधिकारी खुलकर बात करने से बच रहे हैं। हालांकि, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंदौर जिले से दो किसान नेताओं को CRPC की धारा 151 के तहत एहतियातन गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है।
महिला अधिवक्ता को रात में उनके घर से हिरासत में लिया, वकीलों में आक्रोश
इंटेलीजेंस की सूचना पर मध्यपुलिस को किसान आंदोलन के संबंध में आठ लोगों की जानकारी की मिली थी। जिसमें गड़बड़ी करने की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने गोरखपुर क्षेत्र से रामरतन यादव व खमरिया क्षेत्र की प्रियदर्शनी कालोनी से महिला अधिवक्ता को रात में उनके घर से हिरासत में लिया। इसके बाद महिला अधिवक्ता अंजना कुररिया के खिलाफ धारा-151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया। जिसमें एक महिला अधिवक्ता अंजना कुररिया भी शामिल थीं। महिला अधिवक्ता की रात में नियम विरुद्व तरीके से की गई गिरफ्तारी से वकीलों में आक्रोश उपज गया। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय वर्मा के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर दीपक सक्सेना से मुलाकात की। कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद तत्काल ही महिला अधिवक्ता को मुचलके पर रिहाई दी गई और शाम चार बजे उन्हें जेल से रिहा किया गया।
रात में महिला अधिवक्ता की गिरफ्तारी से आक्रोश : बीती रात महिला अधिवक्ता अंजना कुररिया को उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने की घटना से वकीलों में आक्रोश भड़क गया। अधिवक्ताओं का कहना था कि नियमानुसार किसी भी महिला की रात में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर महिला अधिवक्ता की गिरफ्तारी की गई है, जो कि निंदनीय है। इतना ही नहीं जिस महिला अधिवक्ता को गिरफ्तार किया गया था वह पूर्व में शासकीय अधिवक्ता भी रह चुकी है।
कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद हुई रिहाई : महिला अधिवक्ता की गिरफ्तारी के विरोध में हाई कोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष संजय वर्मा, सचिव परितोष त्रिवेदी, दीपक सिंह, एडवोकेट संजय शर्मा, दिव्यांश सैनी, हैरी बामोरिया सहित अन्य ने कलेक्टर दीपक सक्सेना से मुलाकात की। जिन्होंने पूरी जानकारी लेने के बाद तत्काल ही मामले में हस्तक्षेप किया। जिसके बाद एसडीएस रांझी के यहां मुचलके पर महिला अधिवक्ता की जमानत कराते हुए रिहाई आदेश जेल भेजा गया और शाम चार बजे उन्हें जेल से रिहाई दी गई।
हरदा में आम किसान यूनियन के राम हिरासत में : प्रदेश भर में किसानों की गिरफ्तारी की ख़बरों के बीच हरदा में आम किसान यूनियन के सदस्य राम इनानिया को हरदा पुलिस ने रविवार देर शाम को उनके गाँव लौटते समय गिरफ्तार कर लिया, जानकारी के मुताबिक़ उन्हें पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय में रखा जहां से देर रात जेल भेज दिया गया ।