जनसंख्या वृद्धि के कारण आंतरिक और बाहरी सुरक्षा खतरे में है : डॉक्टर अशोक पांडे

खिरकिया। जनसंख्या वृद्धि के कारण आंतरिक और बाहरी सुरक्षा खतरे में है जिसको हम जनसंख्या विस्फोट कहते है, उस पर माल्थस ने कहा है कि जनसंख्या मल्टीप्लाई होती है और संसाधन सीमित गति से बढ़ते है। प्राकृतिक संसाधनों की अपनी सीमा होती है, जमीन को खींच कर बड़ाया नही जा सकता, जनसंख्या बड़ती है तो आवश्यकताएं बढती है, जीवन संघर्ष और तीव्र होता है , महत्वकांक्षा बढती है, उपलब्धता कम होती है, प्राप्ति की आकांक्षा के ज्यादा होने के कारण स्वार्थ हावी होता है, अपराध हावी होता है, मन छोटे  होने लगते है, आक्रोश भाई भतीजावाद बढता है, जनसंख्या वृद्धि के कारण स्कूल अस्पताल छोटे पड़ने लगे प्राकृतिक संसाधनों की कमी आ गई है।

उक्त उदगार स्वामी विवेकानंद सेवा समिति द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता डॉ. अशोक पांडे द्वारा जनसंख्या असंतुलन समस्या और समाधान विषय पर दिए उन्होंने कहा कि आजादी के समय हम 30 करोड़ थे अब 142 करोड़ हो चुके है और 2050 में 160 करोड़ हो सकते है।सबको मकान चाहिए स्कूल चाहिए,रोजगार चाहिए ,लाखो लोग सड़कों पर अपनी नीद पूरी कर रहे है लोग नाले किनारे झोपड़ियों में जीवन यापन कर रहे है, जनसंख्या वृद्धि के कारण इन विषयों को लेकर देश की स्थिति भयाभह स्थिति बनी है।

उन्होंने अपने व्यक्तव्य में जनसंख्या वृद्धि के कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि मेडिकल साइंस की उन्नति से मृत्यु दर कम हुई है। जीवन जीने की प्रत्याशा बड़ी है, घुसपैठ के कारण जो देश के नागरिक नहीं है वे हमारे देश की जनगणना में शामिल हो गए है, जो जनसंख्या असंतुलन का भी एक कारण है। हमे देश के हित में,संस्कृति के हित में,आने वाली पीढ़ी के हित में, सुरक्षा और स्वास्थ के हित में अपने कर्तव्यों के साथ दायित्वों को निभाना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता आनंद श्री श्रीमाल द्वारा की गई,  नीरज उपाध्याय द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया व पंढरीनाथ तोमर द्वारा सबका परिचय कराया गया, कार्यक्रम का संचालन शिक्षक महेश तिवारी द्वारा किया गया आभार संतोष गौर द्वारा व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!