चैत्र नवरात्रि 2024: द्वितीय स्वरूप में मां ब्रह्मचारिणी दिलाती हैं भक्त को अपार सफलता

Chaitra Navratri 2024: मातेश्वरी दुर्गा के नौ रूपों का वर्णन धर्मग्रंथों में उपलब्ध है, नवरात्रि में भवानी के इन नौ रूपों की आराधना क्रम से एक-एक दिन की जाती है जिसमें दूसरे दिन देवी भक्त मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना 10 अप्रैल 2024, दिन बुधवार को करेंगे।

नवरात्रि के नौ दिन जीवन में उमंग एवं उर्जा शक्ति का संचार करते हैं, मां के नौ स्वरूपों की आराधना करने से तन और मन दोनों निर्मल हो जाते हैं, जिससे रोग और शोक दूर होने लगते हैं। सर्वव्यापी ब्रह्माण्डीय चेतना का दूसरा स्वरूप नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के रूप में भक्तों को आशीष देता है। ब्रह्म का अर्थ वह परमचेतना है जिसका न तो कोई आदि है और न कोई अंत, जिसके पार कुछ भी नहीं है, ब्रह्मचारिणी के रूप में भक्त ध्यानमग्न होकर परमसत्ता की दिव्य अनुभूति नवरात्रि के दूसरे दिन करते हैं। मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना करने वालों की शक्तियां असीमित, अनन्त हो जाती हैं, फलस्वरूप दुःखों से उपर उठकर वह जीवन के सुखों को प्राप्त करता है। सत, चित्त, आनंदमय ब्रह्म की प्राप्ति कराना ही माता ब्रह्मचारिणी का स्वभाव है।

संवाद 24 की खबरों के लिए व्हाट्सएप चैनल को फॉलो करे, फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें..

Follow the संवाद 24 channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaE8doLBPzjdzNPorg3V

मां ब्रह्चारिणी का दिव्य स्वरूप – 

पूरे चंद्रमा के समान निर्मल, कांतिमय और भव्य रूप वाली दो भुजाओं वाली इस ब्रह्मचारिणी कौमारी शक्ति का स्थान योगियों ने ‘स्वाधिष्ठान चक्र’ में बताया है। इनके एक हाथ में कमंडल तथा दूसरे में जप की माला रहती है। अपने भक्तों को ब्रह्मचारिणी उनके प्रत्येक कार्य में सफलता देती है। वे सन्मार्ग से कभी नहीं हटते और जीवन के कठिन संघर्षों में भी अपने कर्तव्य का पालन बिना विचलित हुए करते रहते हैं। मां भगवती सूक्ष्म से सूक्ष्म रूपों में भी शिव प्राप्ति के लिए तप करती रही, तीनों लोकों में भगवती के इस रूप का तेज व्याप्त हो गया, तब ब्रह्माजी ने आकाशवाणी से इस रूप को भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने का वर दिया। इस देवी के पूजन से जीवन के कठिन संघर्षों में भी साधक का मन विचलित नहीं होता है। इस रूप के पूजन से दीर्घायु प्राप्त की जाती है।

मां ब्रह्मचारिणी का भोग – 

मां दुर्गा के इस रूप को गुड़हल और कमल के फूल बेहद पसंद हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन इन्हीं पुष्पों को अर्पित करने तथा चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग अर्पित करन से भगवती अतिशीघ्र प्रसन्न होकर लंबी आयु एवं सौभाग्य प्रदान करती हैं।

मां ब्रह्मचारिणी की साधना का मंत्र – ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!