गुप्त नवरात्रि पूरे वर्ष में चार बार आती है, इसमें से दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्रि होती है, जिसमें मां भवानी के 10 महाविद्या स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना की जाती है।
साधक और तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए कठोर देवी आराधना करते हैं।
तंत्र साधना के जरिए अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।
सनातन धर्म की शक्ति परंपरा में देवी आराधना का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दौरान देवी दुर्गा की पूजा के साथ-साथ उपवास भी रखा जाता है। इस साल गुप्त नवरात्रि माघ मास में 10 फरवरी से 18 फरवरी तक मनाई जाएगी। गौरतलब है कि गुप्त नवरात्रि पूरे वर्ष में चार बार आती है, इसमें से दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्रि होती है, जिसमें मां भवानी के 10 महाविद्या स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना और मंत्रों की सिद्धि के लिए उत्तम समय माना जाता है, लेकिन आम गृहस्थ भी इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा कर सकते हैं।
- प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ 10 फरवरी, 2024 – सुबह 04:28
- प्रतिपदा तिथि समाप्त 11 फरवरी, 2024 – दोपहर 12:47मीना लग्न प्रारम्भ 10 फरवरी, 2024 प्रातः 08:09 बजेमीना लग्न समाप्त फरवरी 10, 2024 -प्रातः 09:43घटस्थापना मुहूर्त 10 फरवरी, 2024 – सुबह 08:09 बजे से 09:43 बजे तक।
- घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त 10 फरवरी, 2024 – सुबह 11:38 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक।
10 महाविद्याओं की गुप्त पूजा
गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना की जाती है। इस दौरान साधक और तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए कठोर देवी आराधना करते हैं। तंत्र साधना के जरिए अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।
इन नियमों का करें पालन
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें।
- मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के बाद पहले दिन घटस्थापना करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करके देवी दुर्गा की पूजा करें।
- मांस, मदिरा आदि का सेवन न करें।
- देवी पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- नैवेद्य या प्रसाद तैयार करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें।