उज्जैन। सोमवार तडके धुलेंडी पर्व पर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान भड़की आग के मामले की मजिस्ट्रियल जांच आरंभ हो गई है। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने जांच रिपोर्ट तीन दिन में मिलने की बात कही है। इस बीच प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि श्रृंगार के बाद कपूर आरती के दौरान स्प्रे से गुलाल उड़ाने पर आग भभकी थी। चांदी की दीवार पर लगाए गए कपड़े के कारण आग तेजी से फैली और पुजारियों और सेवकों को चपेट में ले लिया। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि आग आखिर कैसे लगी।
ज्ञात हो कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान आग लगी थी। इसमें पुजारियों सहित कुल 14 लोग घायल हो गए थे। इनमें से नौ पुजारियों, सेवकों को इंदौर रेफर किया गया था। कलेक्टर के अनुसार सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है। सभी का बेहतर इलाज किया जा रहा है। इस बीच तीन पुजारियों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
पीएम ने जताई थी चिंता, दिए थे निर्देश
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग की घटना की जानकारी लगने के बाद प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने इस पुरे मामले की न्यायिक जांच कराए जाने तथा भविष्य में घटना की पुनरावृति ना हो ऐसे प्रबंध करने के निर्देश सोमवार को सीएम मोहन यादव को दिए थे, पीएम मोदी ने घटना के बाद सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर घटना पर दुःख जताते हुए, घायलों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराए जाने का विश्वास दिलाया था, उल्लेखनीय है की होली कके त्यौहार के चलते सोमवार को बाबा महाकाल मंदिर प्रांगण में हजारों लोग बाबा महाकाल की विशेष होली में सम्मिलित होने के लिए मौजूद थे, घटना के वक्त भस्म आरती दर्शन के लिए नंदीहाल, गणेश और कार्तिकेय मंडपम् में दो हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे। आग लगने पर अफरा-तफरी की स्थिति बन गई थी, लेकिन कर्मचारियों ने स्थिति पर तत्काल काबू पा लिया था अन्यथा बड़ा हादसा भी हो सकता था।