1995 – 1997 के आर्म्स एक्ट मामले में 27 वर्षो बाद जारी हुआ स्थायी गिरफ्तारी वारंट
ग्वालियर। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Former Chief Minister of Bihar Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court of Gwalior) ने सालों पुराने के एक मामले में उनके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। ये वारंट आर्म्स एक्ट में जारी किया गया है।
इस केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू यादव को फरार घोषित किया गया था। उस वक्त पुलिस की जांच में सामने आया था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर आर्म्स डीलर से हथियार खरीदे, इसके साथ ही पुलिस को यह भी पता चला कि खरीदे गए हथियारों को कई जगहों पर सप्लाई किया जा रहा है। उनके खिलाफ यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में तब ट्रांसफर किया गया, जब कोर्ट को यह यकीन हो गया कि दस्तावेज में दर्ज लालू यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं।
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ग्वालियर एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीपीओ अभिषेक मेहरोत्रा ने बताया कि विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए ग्वालियर महेंद्र सिंह की अदालत से आरोपी लालू प्रसाद यादव स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। यह मामला वर्ष 1995 और वर्ष 1997 का है। फार्म 16 के फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके आर्म्स डीलर के यहां से हथियार खरीदे गए थे। इन हथियारों की सप्लाई विभिन्न स्थानों पर की जा रही थी। इसमें 23 लोगों के खिलाफ अभियोग पत्र कोर्ट के सामने पेश किए गए थे। इसमें आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को फरार घोषित किया गया था। विचारण के दौरान कोर्ट ने ये पाया कि ये लालू प्रसाद यादव वहीं हैं जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, ऐसी दशा में ये मामला विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए कोर्ट, ग्वालियर को स्थानांतरित किया गया।